
वक़्त किसी के लिए
ठहरता नही ,
मगर तुम्हे उम्मीद है
कि वो ठहरेगा ,
सिर्फ और सिर्फ
तुम्हारे लिए ,
और इन्तजार करेगा
तुम्हारा ,
बड़ी बेसब्री से ।
कोई अलभ्य
शख्सियत हो ?
जो रुख हवाओं का
मोड़ रहे हो ?
वर्ना आदमी दौड़कर भी
पकड़ नही पाया
वक़्त को तां - उम्र ,
और तुम बड़े इत्मीनान से
सुस्ता रहे हो ।