रविवार, 29 मई 2011

सन्नाटा


चीर कर सन्नाटा

श्मशान का

सवाल उठाया मैंने ,

होते हो आबाद

हर रोज

कितनी जानो से यहाँ

फिर क्यों इतनी ख़ामोशी

बिखरी है

क्यों सन्नाटा छाया है यहाँ ,

हर एक लाश के आने पर

तुम जश्न मनाओ

आबाद हो रहा तुम्हारा जहां

यह अहसास कराओ .

शुक्रवार, 20 मई 2011

कुछ मन की


जिंदगी वफ़ा की सूरत

जब इख्तियार करती है

हर कदम पर तब नए

इम्तिहान से गुजरती है .
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कितनी सुबह निकल गई

कितनी राते गुजर गई

कुछ बाते पहली तारीख सी

आज भी है यही कही .
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मंजिल इतनी आसान होती

तो क्योकर तलाशते

क्यों उम्र अपनी सारी

यू दाव पर लगाते .
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जो मजा सफ़र में है

वो मंजिल में कहाँ

थम जाती है जिंदगी

सब कुछ पाकर यहाँ .

शनिवार, 14 मई 2011

उम्मीद



आइने में सभी सूरते

एक सी नज़र आती है

किसे कहे यहाँ अपना

यही ख्याल लिए रह जाती है ,

तभी वो चेहरा दिखता है

जिसका कोई अक्स भी नही ,

है वो निराकार ,

लेकिन मेरी कल्पनाओ को

करता है वही साकार .

शनिवार, 7 मई 2011

ममतामयी माँ


माँ मेरी माँ

और सबकी माँ

जन्म से लेकर

अंतिम श्वास तक

जरूरत सबकी माँ

जीवन की हर

छोटी -छोटी बातों में

याद बहुत आती माँ

उसकी निश्छल ममता ,

करूणा है और कहाँ

उसके आँचल तले जैसा

है नही घनी छाँव यहाँ

निस्वार्थ सर्वस्व लुटाने वाली

त्याग की मूर्ती माँ

मीठी लोरी से पलकों में

स्वप्न सुन्दर भरती माँ

सहलाकर नर्म हाथो से

ठंडी राहत देती माँ

बालो को कंघी से

सुलझाने वाली माँ

बड़े प्यार से निवाले को

मुंह में भरती माँ

उसके हाथों सा स्वाद

मिलेगा हमें कहाँ ,

बच्चो के हर सुख -दुख को

भांपने वाली माँ

कहे बिना ही मन के हर

भाव को पढ़ लेती माँ

सबकी चिन्ताओ को अपने

हृदय में समेटे माँ

जीवन के हर मोड़ पर

साथ निभाती माँ

जन्नत उसके चरणों में

है यहाँ बसा हुआ

ईश्वर का ही रूप है

दुनिया की हर माँ .
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मातृ दिवस के पावन पर्व पर सबको ढेरो बधाई ,सभी माओ को नमन .सदा उसके स्नेह से मन हमारा सींचता रहें और जीवन हरा भरा रहें ,हम उनको आदर दे उनकी जरूरतों को समझे उनकी आह नही उनकी दुआए ले ,क्योंकि माँ अनमोल और दुर्लभ है ,इसकी ममता की सदा लाज रक्खे ,जब तक है सेवा करके जीवन सार्थक करे .