शनिवार, 28 अप्रैल 2018

हमेशा आगे रहूंगी

तुम अपनी आदते बदल दो

मैं अपने इरादे बदल दूंगी ,

तुम अपनी जिद्द छोड़ दो

मैं जीने की वजह दे दूंगी ,

तुम अपने कदम बढ़ाओ

मैं चलने की हिम्मत दे दूंगी ,

तुम अपने हाथ बढ़ाओ

मैं बढ़कर  थाम  लूँगी  ,

मैं नारी हूँ ,रहती पीछे हूँ

पर जब - जब  जरूरत पड़ी

आगे रही हूँ  और

हमेशा आगे रहूंगी  ।