शनिवार, 12 मार्च 2016

क़ातिल

सरेआम कत्ल कर के भी 
वो शर्मिंदा नही है ,
क्योंकि उसका कहना है 
वो कातिल नही है ।
कई बार सच भी आँखों का 
धोखा होता है ,
क़त्ल करने वाला यहाँ 
कातिल नहीं होता है ।

शुक्रवार, 11 मार्च 2016

हम ........

मै को अकेले रहना था
 हम को साथ चलना था
एक को खुद के लिए जीना था
 एक को सबके लिए जीना था ,
 इसलिए सबकुछ होते हुए भी 
मै यहाँ कंगाल रहा
 कुछ नही होते हुए भी

 हम मालामाल रहा ।

मै को अकेले रहना था हम को साथ चलना था एक को खुद के लिए जीना था एक को सबके लिए जीना था , तभी सबकुछ होते हुए भी मै यहाँ कंगाल रहा कुछ नही होते हुए भी हम मालामाल रहा ।