काव्यांजलि
शनिवार, 3 मई 2014
मसीहा..............
भीड़ में जो अक्सर गायब हो जाते है
भीड़ हटने पर वो अकेले रह जाते है ,
सबके साथ वो रास्ते पर चल नही पाते
पर सबके लिये रास्ते वो जरूर बनाते है ,
मसीहा तो हर कोई यहाँ बन नहीं सकता
तभी सर उसके आगे सब झुकाते है ।
तभी सर उसके आगे सब झुकाते है ।
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