आज के दिन ही हम एक हुए थे....कितना लम्बा सफ़र तय कर लिया, याद ही नहीं। लगता है कल की ही तो बात थी........ अहसास कभी उम्र नहीं पाते , कितनी सच्ची बात है ये। जीवन की ऊंची-नीची डगर पर चलते हुए कब एक अजनबी इतना अपना हो जाता है पता ही नहीं चलता.........
सुख-दुख के साझेदार हुए,
जीवनभर के साथ हुए।
कानों में संगम के गीत प्रिये,
तुम तो मेरे मीत प्रिये।
आंसुओं से भीगे हुए,
पलकों पर कुछ अद्भुत सपने,
हमने जो आँखों में समां लिए,
तुम तो मेरे मीत प्रिये।
उजियाले का अधिकार लिए,
मिटा तम के आकर्षण प्रिये।
ढलते सूरज को दे आवाज़,
हर हार को निरस्त करके,
मुश्किलों में मुस्कान लिए,
तुम तो मेरे मीत प्रिये।
इस जीवन के गीतों के
स्वर नहीं आसान प्रिये,
जहां मिले स्वर हमारा
मधुर वही संगीत प्रिये।
चलते रहे अगर साथ यूं ही,
हर मुश्किल है आसान प्रिये,
तुम तो मेरे मीत प्रिये,
जीवन का संगीत प्रिये.