
भयभीत हूँ
कही ये युग
बहुत ऊंचाई तक
पहुँचने के प्रयास में
नई तकनीक की
तलाश में
अपना वजूद न मिटा दे ,
महाप्रलय के शिकंजे में
फंस कर
अपना आधार न
गवा दे ,
आज हमें
सिर्फ तन्हा होने का
ख्याल डस रहा है ,
कल सारी धरती ही
तन्हा न हो जाये ______ l