रहमत है उस खुदा की  गुजर हो रहा है ,  हर हाल मे यहां सबका  बसर हो रहा है .  ,,,,,,,,,,,,,,,,  जिस बात पर यकीन  कभी होता नही था  उस बात पर यकीं  अब हो रहा है .  ...........  इतनी घनी आबादी  और आदमी अकेला  कहने को उसे अपना  कोई नही मिल रहा है .  "'''''''  आदमी अठन्नी और  खर्चा रुपया  शौक इस कदर हमे  ले डूब रहा है .  ुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुुु  मकान का नक्शा कुछ  इस तरह बनने लगा है  जो जमीन पर था वो  आसमान पर बस रहा है .  ,,,,,,,,,  वाकई मे दुनिया  बहुत बदल गई  इस बात का इल्म  हमे हो रहा है .     
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