कुछ बाते ....

सारी रात गुजर गई 
लेकर तेरी याद ,
नीँद बेवफा हो गई 
देकर तेरा साथ । 
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जिंदगी यू ही गुजरती है 
दर्द के पनाहों में ,
क्षण -क्षण रह गुजर करते है 
पले कांटो भरी राहो में । 
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सुख -दुख के मधुर साजो पर 
एक गीत लब्ज गुनगुनाती है ,
एक नई रचना साथ लिए 
कागज़ पे कलम ठहर जाती है । 
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उदासी आँख से हटाओ 
हकीक़त में तुम आओ ,
बड़ी बेवफा है ये दुनिया 
गमे-राह में भी मुस्कुराओ । 
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पानी के बहने से पत्थर घिस जाते है 
जिंदगानी छूट जाने से लोग भूल जाते है ,
यादो की गिरफ्त इतनी मजबूत होती है 
फिर भी यादो को लोग पत्थर सा बना जाते है । 
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एक बार फिर मैं अपने स्कूल के टाइम की लिखी रचना डाल रही । 
 
 
टिप्पणियाँ
हकीकत में तुम आओ
बड़ी बेवफा है ये दुनिया
गेम राह में भी मुस्कुराओ!
वाह, क्या बात है !
Aapkee jholee sada khushiyo se barkarar rahe isee dua ke sath..........
धन्यवाद
जिंदगानी छूट जाने से लोग भूल जाते है ,
यादो की गिरफ्त इतनी मजबूत होती है
फिर भी यादो को लोग पत्थर सा बना जाते है ।
बहुत खूब हर पंक्ति कुछ न कुछ खास कह रही है .