नए साल के आने पर ..
ये साल गुजरा तो
कितने बाते याद आई ,
क्या खोया क्या पाया
सोच ये जहन में उभर आई ।
बही खाते अपने पन्ने
धड़ाधड़ पलटने लगे ,
नफा -नुकसान का हिसाब
फटाफट बताने लगे ।
वक़्त की रफ़्तार का तब
गहरा अहसास हुआ ,
एक वर्ष गुजर गया
इसका अंदाज हुआ ।
जिंदगी हम तुझसे और
एक बर्ष दूर हो गये ,
सोचकर ये दिल और उदास हुआ ।
तभी इरादे को दृढ़ की
अपनी सोच को नई दिशा दी ,
छूट गये जो काम
गुजरे साल में
करेंगे हम उन्हें पूरा
इस नए साल मे ।
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आप सभी मित्रो को नव बर्ष की ढेरो बधाइयां ,नव बर्ष मंगलमय हो .
टिप्पणियाँ
--बहुत अच्छा संकल्प लिया है ज्योति आप ने ..नए साल में आप का हर अधूरा काम पूरा हो..जीवन यूँ ही हर्ष और उल्लास से भरा रहे .नववर्ष हेतु अनेकानेक मंगल कामनाओं के साथ तुम्हारी सखी -
अल्पना
[
बधाई
देर लगी आने में तुमको, शुकर है फिर भी आये तो....
लम्बे अन्तराल के बाद नये वर्ष के साथ तुम्हारा भी स्वागत है. सुन्दर रचना.
itne din kanha thee....aap....?
kamee akharee thee..........
take care.
itne din kanha thee....aap....?
kamee akharee thee..........
take care.
सुंदर-भाव अभीव्यक्ति !!!
नव वर्ष की शुभकामनाएँ
-gyanchand marmagya
जिसकी बदौलत गलतियों से सबक...
और सफ़लताओं से प्रेरणा ली जानी चाहिए.
बहुत अच्छी रचना है...
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.
आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो ...
और एक वर्ष दूर हो गए
ये सोच कर मन उदास हुआ .....
सही कहा ज्योति जी ...
सादर अभिवादन !
"नए साल के आने पर .." रचना बहुत प्रभावशाली है …
ज़िंदगी हम तुझसे और एक वर्ष दूर हो गये ,
सोचकर ये दिल और उदास हुआ …
बिल्कुल सही कहा आपने ।
छूट गये जो काम गुजरे साल में
करेंगे हम उन्हें पूरा इस नए साल मे
आपके शब्दों से, आपके हौसले से प्रेरणा ले'कर हम भी नव वर्ष के प्रति आशान्वित हैं ।
मेरे गीत की कुछ पंक्तियां आपको सादर समर्पित हैं -
प्राची में केशर ढुलके,
पूरे भूमंडल पर छा जाए !
आलोकित नव दिनकर
जगती का तिमिर-तुमुल झुलसा जाए !
आकंठ आनंदित दसों दिशाएं ,
सुख समृद्धि चहुं ओर हो !
यह भोर सुहानी भोर हो !!
~*~नव वर्ष २०११ के लिए हार्दिक मंगलकामनाएं !~*~
शुभकामनाओं सहित
- राजेन्द्र स्वर्णकार