गुरुवार, 27 मार्च 2014

कुछ बाते




इस दुनिया से ज्यादा कही

खुद को समझना मुश्किल है ,

जिस दिन हम खुद को समझ गये

राह समझ लो सब मुमकिन है ।

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गुजरते वक़्त के साथ यहाँ

कई बात बदल जाती है ,

मन तो बच्चा ही रहता है पर

इच्छाये बड़ी हो जाती है ।

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आगे बढ़ने के लिए हमें बीती

बातों से रिश्ता तोडना पड़ता है ,

जीवन को जीने के लिए कुछ

बातों से समझौता करना पड़ता है। .

4 टिप्‍पणियां:

गिरिजा कुलश्रेष्ठ ने कहा…

सच कहा ज्योति जी । खुद को समझना ही सब कुछ समझ लेना है । सरल शब्दों में गहरी बात ।

संजय भास्‍कर ने कहा…

Simple words with deep meaning...happy to read your poems..nice one........:)



दिगम्बर नासवा ने कहा…

सही हैं सभी बातें ... गहरी जीवन कि बात सरल शब्दों में ...

VIJAY KUMAR VERMA ने कहा…

बहुत सुंदर अभिव्यक्ति !!!