कुछ दिल ने कहा
अच्छे को अच्छे बोल देने मे क्या बुराई है अच्छाई से आखिर हमारी क्या लड़ाई है ये तो हर दिल को अजीज होती हैं इसमें ये क्या देखना अपनी है या पराई है । 🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳 जिस बात के लिए बहुत सोचना पड़ता है उस बात को फिर पीछे छोड़ना पड़ता है । 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 दिमाग वालों से यहाँ कौन भिड़ता है वेबकूफ़ों से ही तो हर कोई लड़ता है। 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 सच ही कभी कभी हमें स्वीकार नहीं होता आँखों देखे पर भी हमें विश्वास नहीं होता। 🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀 हर कोई बैठा है इसी इंतजार में कब सब अच्छा होगा इस संसार में । 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 वक़्त की मांगे करवटें लेती रहती हैं उम्मीदें बहुत कुछ बदल देती हैं आगाज से बहुत अलग अंजाम होता है अंत में सब लकीरों के नाम होता है ।
टिप्पणियाँ
मसीहा होने में आत्मबोध और आत्मबल की
आवश्यकता है.
सुन्दर प्रस्तुति....
आभार ज्योति जी.
bahut dino ke baad phir blogging kee aor muda hoo . aapke blog par ab aate rahunga . aap kaisi hai
aapka phone number kho gaya hai . ek baar call kariye .
ye nazm bhi apne aap me bahut kuch kahti hai
dhaywaad
vijay
09849746500