गुरुवार, 16 अक्तूबर 2014

सिर्फ एक बार .....

सिर्फ एक बार

सिर्फ एक बार

सिर्फ एक बार

उम्मीद की दहलीज पर

खड़े रहकर

यह एक बार

क्या रहता है

सिर्फ एक बार ?

हर बात का अंत

इतनी आसानी से

नही होता ,

अगर होता तो

असर फिर उसका रहता

सिर्फ एक बार  .

3 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत ही भावपूर्ण. एक एक शब्द रग में समाता हुआ.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

कई बार वो एक बार आ ही नहीं पाती ....

Rakesh Kumar ने कहा…

गहन और भावपूर्ण