मन के मोती
किस वादे पर इंसान कर बैठा नफरत
करके कोई पहल इसे मिटा क्यों नहीं देते ,
क्यों पैदा करते है दिलो में ऐसी हसरत
जो सब कुछ आकर यहाँ उजार है देते ।
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आदमी जिंदगी के जंगल में
अपना ही करता शिकार है ,
फैलाता है औरो के लिये जाल
और फंसता खुद हर बार है ।
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छोटे छोटे कदम ही लंबे लम्बे सफर तय किया करते है,
मंजिल के नजदीक पहुँच कर सफलता को चूमा करते है ।
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