बुधवार, 28 अगस्त 2019

नामुमकिन को मुमकिन करना

सबके वश का काम नहीं,

हुई सफलता उसी को हासिल

हार भी जिसके लिए हार नही ।

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अच्छा हुआ तो प्यार में

बुरा हुआ तो प्यार में,

फिर भी प्यार ,प्यार ही रहा

चाहे जो हुआ हो प्यार में ।

4 टिप्‍पणियां:

Anuradha chauhan ने कहा…

बहुत सुंदर रचना

Meena Bhardwaj ने कहा…

आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में " गुरुवार 29अगस्त 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आप भी आइएगा....धन्यवाद!

Jyoti Singh ने कहा…

तहे दिल से शुक्रिया मीना जी अनुराधा जी नमस्कार

संजय भास्‍कर ने कहा…

अत्यन्त सुन्दर