एक वो रात
वो राते लम्बी होती है ,
जब तन्हाई डसती है ,
यादे बोझिल होती है ,
तब ये नींद कहाँ पे सोती है ,
ये रात जो मुझ पे भारी है ,
आँखों-आँखों में कटती है ,
करवट की आहट होती है ,
लिए दर्द मचलती रहती है ,
नींद को तलाशते ,
आँखों में सुबह होती है
जब तन्हाई डसती है ,
यादे बोझिल होती है ,
तब ये नींद कहाँ पे सोती है ,
ये रात जो मुझ पे भारी है ,
आँखों-आँखों में कटती है ,
करवट की आहट होती है ,
लिए दर्द मचलती रहती है ,
नींद को तलाशते ,
आँखों में सुबह होती है
टिप्पणियाँ
जब तन्हाई डसती है ,
sach hai, tanhai kaate nahin katti hai.
करवट की आहट होती है ,
One thing what I observed, you never force yourself to write....it seems everything came straight from heart....