मंगलवार, 23 फ़रवरी 2010

अहसास.......



धीरे-धीरे यह अहसास हो रहा है,


वो मुझसे अब कहीं दूर हो रहा है।


कल तक था जो मुझे सबसे अज़ीज़,


आज क्यों मेरा रकीब हो रहा है।


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इन्तहां हो रही है खामोशी की,


वफाओं पे शक होने लगा अब कहीं।


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जिंदगी है दोस्त हमारी,


कभी इससे दुश्मनी,


कभी है इससे यारी।


रूठने -मनाने के सिलसिले में,


हो गई कहीं और प्यारी


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इस इज़हार में इकरार


नज़रंदाज़ सा है कहीं,


थामते रह गए ज़रूरत को,


चाहत का नामोनिशान नहीं।


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ये बहुत पुरानी रचना है किसी के कहने पर फिर से पोस्ट कर रही हूँ


27 टिप्‍पणियां:

राज भाटिय़ा ने कहा…

पुरनी है ल्र्किन बहुत अच्छी लगी यह अहसासो भरी रचना

मनोज कुमार ने कहा…

बेहतरीन। बधाई।

Yogesh Verma Swapn ने कहा…

old is gold.

Apanatva ने कहा…

sunder abhivykti.........
man ke kisee koune me aapka lekhan ghar bana raha hai .........

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

ज्योति जी आदाब
’ओल्ड इस गोल्ड’
बहुत उम्दा लगी है रचना.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

धीरे-धीरे यह अहसास हो रहा है,
वो मुझसे अब कहीं दूर हो रहा है।
कल तक था जो मुझे सबसे अज़ीज़,
आज क्यों मेरा रकीब हो रहा है ...

संभालिए ... रकीब अच्छे नही ...
बहुत लाजवाब लिखा है ... सब रचनाएँ अच्छी हैं ...

रश्मि प्रभा... ने कहा…

purani hogi, nai nazar aati hai.....ehsaas kab atit hote hain

रचना दीक्षित ने कहा…

जिस किसी के भी कहने पर पोस्ट कर रहीं हैं उसका आभार, इतनी अच्छी पोस्ट हम तक पहुंचवाने के लिए. आपके लिए तो क्या लिखें हमेशा की तरह दिल के बहुत करीब है ये पोस्ट भी बधाई

निर्मला कपिला ने कहा…

ज्योती जी ओल्ड इस गोल्ड आप जानती ही हैं जो कुछ पुरानी चीज़ों मे है आज कहाँ बहुत अच्छी रचना है बधाई

ARUNA ने कहा…

बहुत ही सुन्दर एहसास है ज्योति जी!

ज़मीर ने कहा…

बहुत ही सुन्दर रचना लगी. शुभकामनाएं

Alpana Verma ने कहा…

***हमारे लिए तो नयी ही है ज्योति जी..***

रचना अच्छी है..मन के भावों को बखूबी अभिव्यक्त करती हुई...
[पुराने दिनो की महक है तो !]

ज्योति सिंह ने कहा…

ye rachna sifar ji ki aagrah par daali rahi jo ek bloger hai .
apantava ji aapki aabhari hoon jo itni khoobsurat baate kahi aapne ,

ज्योति सिंह ने कहा…

raaj ji ,suman ji ,manoj ji ,yogesh ji ,shahid ji ,digamber ji ,rashmi ji aapki baate kitni sundar hai man ko chho gayi ,rachna ji aapki baate mujhe nishabd kar diye kya kahoon jawab me ?nirmala ji aapka aashish yoon hi bana rahe ,aruna ji aap to khud bhi bahut pyaari hai ,boojho to jaane blog ki bhi aabhaari hoon ,
alpana ji aapki baaton me puraane dino ke ahsaas najar aate hai .
sabhi ka tahe dil se shukriyaan

ज्योति सिंह ने कहा…

boone nahi sitaare tapke hai kahkasha se

संजय भास्‍कर ने कहा…

हर शब्‍द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना । आभार
ढेर सारी शुभकामनायें.

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

इस इज़हार में इकरार

नज़रंदाज़ सा है कहीं,

थामते रह गए ज़रूरत को,

चाहत का नामोनिशान नहीं।

बहुत सुंदर पंक्तियाँ.... सम्पूर्ण रचना ने दिल को छू लिया....

देरी से आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ..... क्यूंकि मैं बाहर था....

kshama ने कहा…

Harek pankti sundar hai!
Holee kee dher saree shubhkamnayen!

Apanatva ने कहा…

Happy holi.....

ज़मीर ने कहा…

नमस्कार. होली की बधाई और शुभकामनाये.

रचना दीक्षित ने कहा…

आपको व आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें

Asha Joglekar ने कहा…

पुरानी पर सुंदर रचना के लिये बधाई ज्योती जी ।

शमीम ने कहा…

रचना बहुत सुन्दर.
होली की बधाई और शुभकामनायें.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

आपको और आपके परिवार को होली की बहुत बहुत शुभ-कामनाएँ ...

Alpana Verma ने कहा…

Jyoti ji,
आपको सपरिवार रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाये.

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

धीरे-धीरे यह अहसास हो रहा है,
वो मुझसे अब कहीं दूर हो रहा है।
कल तक था जो मुझे सबसे अज़ीज़,
आज क्यों मेरा रकीब हो रहा है।

woooooooow maza aa gaya padh kar..

tum dhire dhire unka paas chali jao
vo tumse dur he to tum kareeb ho jao
vo banNe ki koshish karta hai gar rakeeb..
usko pyar ke rango se ajeez kar jao..

ha.ha.ha.
bura na mano holi hai..
holi ki shubhkamnaye..