शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2010

सूरज ढूँढ लाओ

सूरज ढूँढ लाओ

जब खो जाये ,

चाँद को उठाओ

जब सो जाये

तारो को दो आवाज़

जब छुप जाये

सुर मीठे छेड़ो

 जब  उदास मन
  हो जाये


20 टिप्‍पणियां:

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

सूरज ढूँढ लाओ
जब खो जाये ,
चाँद को उठाओ
जब सो जाये ।
तारो को दो आवाज़
जब छुप जाये ।
सुर मीठे छेड़ो
उदास कही जब ,
मन ये हो जाये
देखन में छोटी लगै, घाव करै गम्भीर.

ज्योति सिंह ने कहा…

kuchh baate yaad aa gayi gujre waqt ki aur muskaan aap hi khich gayi ,is tivra gati se
shukriya mere dost

ARUNA ने कहा…

हाय ज्योति जी, बहुत दिनों के बाद फिर से वापस आई हूँ, अरसा हो गया! हमेशा की तरह यहाँ पे आके अच्छा लगा!

Apanatva ने कहा…

dekhiye kamee mahsoos karane wale hai aur bhee hai..........
mehmaan gaye?
yade khazana hai .......
pyaree kavita.......

Randhir Singh Suman ने कहा…

सूरज ढूँढ लाओ
जब खो जाये , nice

मनोज कुमार ने कहा…

बहुत अच्छी कविता।

शमीम ने कहा…

नई ताजगी लिए बहुत ही सुंदर कविता ।

आदरणीय महोदया आपने पुछा था कि क्या मैं कोलकाता से हूं ।

जी हां, मैं कोलकाता से हूं ।
आपका आभार .

ज़मीर ने कहा…

वाकई बहुत अच्‍छी कविता ।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सच कहा .......... मन की उदासी बहुत खराब है ........ डोर तो होनी ही चाहिए ....... और ये सब बातें खुशी देती हैं ... अच्छा लिखा .......

Dr. Tripat Mehta ने कहा…

wah wah..bahuht gambhir baat ko kavita mein acha piroya hia aapne :)

Yogesh Verma Swapn ने कहा…

dilon men jyoti jagati sunder rachna. badhaai.

kshama ने कहा…

सुर मीठे छेड़ो
उदास कही जब ,
मन ये हो जाये ।
Kitna pyara sandesh hai!

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

ज्योति जी मेरा मन पता हे क्या कर रहा है की मैं आपको ढून्ढ लाऊ क्युकी आप मेरे ब्लॉग से कही खो गयी है...क्यों सही कह रही हु न में ???

बहुत मासूम रचना है...बधाई.

इस्मत ज़ैदी ने कहा…

jyoti ji,
sur meethe chhedo
udaas kahin jab man ye ho jaye
kya bat kah di aapne ine gine shabdon men ,mubarak ho

रचना दीक्षित ने कहा…

आप ही ने इतना मीठा सुर छेड़ दिया है की उदास हो की गुंजाईश ही कहाँ है

शोभना चौरे ने कहा…

aap jaisi surili hai ye kavita mn khush ho gya .
aisi hi khushiyan bikherti rahe aap .
shubhkamnaye

अमिताभ श्रीवास्तव ने कहा…

सुन्दर रचना।
उदास मन को मीठे सुर ही उत्साह में बदल सकते हैं।

अमिताभ श्रीवास्तव ने कहा…

सुन्दर रचना।
उदास मन को मीठे सुर ही उत्साह में बदल सकते हैं।

Asha Joglekar ने कहा…

छोटी सी पर आशा का अपूर्व संचार कराती हुई सुंदर रचना । बधाई आपको ।

ज्योति सिंह ने कहा…

aap sabhi ki dil se aabhari hoon