है कठिन जमाना लिए कठिन दर्द
अन्याय की दीवारों में ,
जख्मो की बेड़िया पड़ी हुई है
परवशता के विचारो में ।
रोते -रोते शमा के अश्क
बदल गये अब सिसकियो में ,
हर दर्द उठाती है मुस्कान
इस बेदर्द जमाने में ।
छुपाये नही छिपते है आंसू
हकीकत के इन आँखों में ,
एक जीत नजर आती है जिंदगी
जीवन के इन हारो में ।
रात को रौशन कर देगी कभी
चाँदनी अपने उजालो में ।
35 टिप्पणियां:
रात को रौशन कर देगी कभी
चाँदनी अपने उजालो में ।
बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति
बेहतरीन आशावाद है इस कविता मे ।
एक जीत नजर आती है जिंदगी
जीवन के इन हारो में ।
रात को रौशन कर देगी कभी
चाँदनी अपने उजालो में...
बहुत उम्दा रचना.
रात को रौशन कर देगी कभी
चाँदनी अपने उजालो में ।
गहरा आशावाद ... सुंदर अभिव्यक्ति !
एक जीत नजर आती है जिंदगी
जीवन के इन हारो में ।
रात को रौशन कर देगी कभी
चाँदनी अपने उजालो में ।
---उम्मीद बनी रहनी चाहिये.हिम्मत नहीं हारनी चाहिये .
कविता में बहुत अच्छे भाव हैं
बेहतरीन यथार्थ
सुंदर प्रस्तुति....
नवरात्रि की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ ।जय माता दी ।
हमेशा की तरह "ला-जवाब" जबर्दस्त!
बहुत सुंदर, अपने लक्ष्य तक पहुचने की हिम्मत दर्शाती आप की यह कविता, धन्यवाद
बहुत खूब ... क्या बात है ... लाजवाब ...
एक जीत नजर आती है जिंदगी
जीवन की इन राहों में
निराशा के बाद आशा का संचार करती एक सुंदर कविता।
परवशता के अँधेरों से तो निकलना पड़ेगा।
अच्छी कविता है ज्योति जी.
एक जीत नजर आती है जिंदगी
जीवन के इन हारो में ।
सुंदर कविता की अति सुंदर पंक्तियां
sunder rachana.....amavas hai to poonam bhee hai
patjhad hai to basant bhee hai........kisee ke jeet humaree haar to kabhee humareejeet kisee kee haar hotee hai.........
Aabhar
बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति वा आशावाद
कितने अलंकार एक जगह एकत्रित कर दिये, उपमायें भी सटीक।विचारों में परवशता,जख्मों की बेडियां, दर्द कठिन, जमाना कठिन, हकीकत की आंख में आंसू का न छिप सकना ,वेदर्द जमाने में दर्द और मुस्कान का ताल मेल बहुत गम्भीर रचना ।
आशावाद, सुंदर अभिव्यक्ति
दशहरा की ढेर सारी शुभकामनाएँ!!
ज्योति जी जरुर रौशन करेगी .....
आप यूँ ही लिखते रहिये .....!!
उत्कृष्ट ।
एक जीत नजर आती है जिंदगी
जीवन के इन हारो में ।
रात को रौशन कर देगी कभी
चाँदनी अपने उजालो में...
बेहतरीन भाव ................
हम भी इसी तरह की अनगिनत हारों से गुज़र रहे हैं किसी अंतिम जीत की ही तलाश में.............
सुन्दर प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई........
चन्द्र मोहन गुप्त
छुपाये नही छिपते है आंसू
हकीकत के इन आँखों में ,
और-
एक जीत नजर आती है जिंदगी
जीवन के इन हारो में ।
ये अभिव्यक्तियाँ पसंद आयीं...बधाई!
निराशा के बाद फिर उम्मीद की किरण सुकून देती है.
सुंदर कृति.
एक जीत नजर आती है जिंदगी
जीवन के इन हारो में ।
रात को रौशन कर देगी कभी
चाँदनी अपने उजालो में ।
aashabad kee bahut hee sundar rachna ...badhayi
Nice
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
प्रिय ज्योति ,आपको और परिवार में सभी को दीपावली के इस पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ.
आप को सपरिवार दीपावली मंगलमय एवं शुभ हो!
मैं आपके -शारीरिक स्वास्थ्य तथा खुशहाली की कामना करता हूँ
रात को रौशन कर देगी कभी
चाँदनी अपने उजालो में ।
आमीन.
सुन्दर और प्रभावी अभिव्यक्ति. यूँ ही लिखते रहिये.
jyoti bahut sakaratmak soch liye ye rachana bahut pyaree hai........
bahut sundar.
अच्छी अभिव्यक्ति !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
nice poem.
बहुत ही सुंदर.
शायद यह उम्मीद ही जीवन का सहारा बन जाती है ....
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