लेन -देन
पाना है तो देना है
बात समझ ये लेना है ।
बात बराबर न हो तो
बोझ न मन पर लेना है ।
तुम बेहतर हो ,कहकर
मन को समझा लेना है ।
मौका कहाँ ये सबको मिलता
बस इतना जान लेना है ।
रब तुम पर है मेहरबान
इस बात पर खुश हो लेना है ।
पाना है तो देना है
बात समझ ये लेना है ।
टिप्पणियाँ
बहुत सुंदर.... आप हमेशा ही भावों का चित्रण जीवंत बना देती हैं......आभार