अधूरे रहे

फिर से बच्चा बनना है
बड़े होने पर सोचते रहे ,

बड़े होने की जल्दी रही
जब हम बच्चे रहे ।
 
जो आसान  नजर आया
वही रास्ता नापते रहे ,

हर वक्त जिम्मेदारियों से
हम दूर भागते रहे ।

जो नहीं होता है उसी की
हम चाहत रखते रहे ,

यही वजह है हुए पूरे नहीं
हम अधूरे रहे ।

टिप्पणियाँ

ज्योति सिंह ने कहा…
शुक्रियां ,लेकिन गलती तो बताओ ,ताकि ठीक कर लूँ ,
ज्योति सिंह ने कहा…
बदलना तो नहीं

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