आदमी


शीर्षक  --आदमी

मुनाफे के लिए आदमी
व्यापार बदलता है,

खुशियों के लिए आदमी
व्यवहार बदलता है ,

ज़िन्दगी के लिए आदमी
रफ्तार बदलता है ,

देश के लिये आदमी
सरकार बदलता है ,

तरक्की के लिए आदमी
ऐतबार बदलता है,

दुनिया के लिए आदमी
किरदार बदलता है ।

और इसी तरह
बदलते बदलते

एक रोज यही आदमी
ये संसार  बदलता है ।

ज्योति सिंह

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