न्याय का हिसाब
न्याय का हिसाब
जब जब मुझे छोटा बनाया गया
मेरे तजुर्बे के कद को बढ़ाया गया
जब जब हँसकर दर्द सहा
तब तब और आजमाया गया ,
समझने के वक्त समझाया गया
क्या से क्या यहां बनाया गया ,
न्याय का भी अजीब हिसाब रहा
गलत को ही सही बताया गया ।
ज्योति सिंह
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