सवाल बेहिसाब ..........
जिसे चाहा हमेशा ज़िन्दगी की तरह
वो रह गया आज अजनबी बनकर ।
गिला करे भी तो किसी से क्या कहकर
कल जो अपना था ,उससे दगा किया नही जाता ।
जो गुजर गई वो दास्ताँ अपनी थी
औरो का विश्वास हिलाया नही जाता ।
वफ़ा उसकी साथ अब भी है मेरे
यह यकीन मेरे पन्ने से मिटाया नही जाता ।
दुनिया के दस्तूर में हुआ वो भी शामिल
ख़िलाफ़ होकर उससे , जिया नही जाता ।
कुछ बात है उसमे ऐसी आज भी जरूर
जुदा होकर भी वो जुदा नही किया जाता ।
दिल को तरकीने से अब बहला लिया हमने
ये सोच दुनिया -ए-बेसबात में इकसां नही रहता ।
टिप्पणियाँ
wah , sunder abhivyakti.
बधाई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
kya kahun , aapki is rachna ne to bahut kuch sochne par mazboor kar diya hai .. shabd seedhe seedhe dil me utar rahe hai ..
कुछ बात है उसमे ऐसी आज भी जरूर
जुदा होकर भी वो जुदा नही किया जाता ।
mujhe ye sabse acchi lagi ...
regards
vijay
www.poemsofvijay.blogspot.com
Aap :
http://kavitasbysham.blogspot.com
is blogpe jayen...yaa sansmaran, tatha kahenee blog pe bhee jayngee to blog list hai, uspe click karen...lekin wo blog updated nahee hai...
http://shamasnasmaran.blogspot
is blog pe bhee links hai!
'Ek sawal tum karo' is blog pe tippanee ke liye tahe dilse shukriya!
औरो का विश्वास हिलाया नही जाता ।
नैराश्य की अदभुत प्रस्तुति
बधाई
करवाचौथ और दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
----------
बोटी-बोटी जिस्म नुचवाना कैसा लगता होगा?
जारी रहें.
---
हिंदी ब्लोग्स में पहली बार Friends With Benefits - रिश्तों की एक नई तान (FWB) [बहस] [उल्टा तीर]
बहुत ही सुंदर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लिखी हुई आपकी ये शानदार रचना बेहद पसंद आया!
करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं।
----------
बोटी-बोटी जिस्म नुचवाना कैसा लगता होगा?
औरो का विश्वास हिलाया नही जाता ।
संवेदनशील रचना
जुदा होकर भी वो जुदा नही किया जाता ।
जो गुजर गई वो दास्ताँ अपनी थी
औरो का विश्वास हिलाया नही जाता ।
बढ़िया और गहरे संवेदनशील भावों से ओत-प्रोत रचना बेहद पसंद आई.
हार्दिक बधाई.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
औरो का विश्वास हिलाया नही जाता ।
बहुत खूब सुन्दर लिखा है आपने शुक्रिया
कल जो अपना था ,उससे दगा किया नही जाता ।
yahi to sachhe artho me jidgi hai .
bhut sundr bhavjaise sundar man.
abhar
जुदा होकर भी वो जुदा नही किया जाता .....
लाजवाब शेर है ......... प्रेम में अक्सर ऐसा होता है ........ कुछ भी भूलना आसान नहीं होता .......