टिप्पणियाँ

सुन्दर तस्वीर...मुझे मेरा शहर याद आ गया.
ज्योति सिंह ने कहा…
क्या करू गर्मी से हालत बेहाल और सूखा देख आँखों का बुरा हाल ,इसलिए दिल को रहत पहुँचाने की खातिर बनाया हरियाली का माहौल ,नासवा जी
ज्योति सिंह ने कहा…
दरख्त भी गुनगुनाने लगे फ़साने ,अपनों की याद लगे दिलाने ,इसी बहाने अपने शहर की याद ताजा हो गयी और ये भी पता चला कि आपका शहर कितना सुन्दर है

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