खट्टी -मीठी बात
हर रोज़ ज़िन्दगी की एक
नई कहानी होती है ।
इस गुजरते वक्त की न जाने
क्या -क्या मेहरबानियाँ होती है ।
-------------------------------------------
कहाँ जाना था ,कहाँ से
गुजर गए हम ।
इस तूफानी रात के साये से
लिपट गए हम ।
++++++++++++++++++++++
कई ख्वाहिशे इर्द -गिर्द समेटे
इंसान जीता है ,
किसी को तोड़ता व
किसी को जोड़ता है ।
_______________________
किसी बिम्ब को आप
प्रतिबिम्ब बना लीजिये ,
आइने में जिसे चाहे
उसे छुपा लीजिये ।
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
अमृत
के प्यालो
में ,
विष भी ज़रा -ज़रा
गुनाहगारों में
शामिल हो रहे सभी यहाँ ।
नई कहानी होती है ।
इस गुजरते वक्त की न जाने
क्या -क्या मेहरबानियाँ होती है ।
-------------------------------------------
कहाँ जाना था ,कहाँ से
गुजर गए हम ।
इस तूफानी रात के साये से
लिपट गए हम ।
++++++++++++++++++++++
कई ख्वाहिशे इर्द -गिर्द समेटे
इंसान जीता है ,
किसी को तोड़ता व
किसी को जोड़ता है ।
_______________________
किसी बिम्ब को आप
प्रतिबिम्ब बना लीजिये ,
आइने में जिसे चाहे
उसे छुपा लीजिये ।
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
अमृत
के प्यालो
में ,
विष भी ज़रा -ज़रा
गुनाहगारों में
शामिल हो रहे सभी यहाँ ।
टिप्पणियाँ
आप इन्हें बेशक क्षणिकायें कहें, हम तो दुनियानामा कहेंगे, जो देखा वह बयाँ किया। बहुत अच्छा लिखा है।
पत्रिका-गुंजन
आपका स्वागत है, एक साहित्यिक पहल से जुड़ने के लिये।