ज्योति -पर्व ....
है तम की हार ,
बिखरी जो उज्जवल ज्योति
ठिठुर गया अन्धकार ,
जादू भरे उजाले में
जीने का आधार ,
उम्मीदों के है दामन फैले
लिए दुआएं हज़ार ,
करे कामना इस दीपोत्सव
हो रौशन घर -संसार ,
लक्ष्मी -गणेश जी आप पधारे
ले आँगन में शुभ -लाभ ,
स्वागत में आज सजे हुए
घर -घर के द्वार ।
-------------------------------------
दीपो का ये पर्व सबके लिए मंगलमय हो ,शुभ दीपावली
टिप्पणियाँ
बहुत बहुत मंगल कामनाएं .........
अंधेरों को आये नींद गहरी, और उजाला हो सके !!
सप्रीत, आ.
दीपावली और भाई-दूज पर आपको और आपके परिवार को अनंत हार्दिक शुभकामनाएं.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
शुभकामनाएँ