कब किससे कैसे कहें
अपने दिल की बात ,
इन सारी बातों से
हम सभी हुए आजाद ।
एक साथी ब्लौग है,
दूजी कलम है पास ।
जीवन के हर रंग में
एक दूजे के साथ ,
सारी दुनिया जोड़ के
तनहा नहीं कोई आज ।
एक ही जाल बुन रहा
सुंदर सुखद समाज ।
यहाँ न किसी का शोर है
और ना मन पे ज़ोर ,
खुले आकाश में उड़ रही
आज पतंग निसोच ,
उस के रास्ते काटने
आएगा नहीं कोई और ।
इन्द्र -धनुष के रंगों से
हो रही यहाँ मुलाक़ात ,
मंजिल के साथ ही मानो
चल रहे सब आज ।
15 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर है - आपकी यह कविता!
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कह रहीं बालियाँ गेहूँ की - "मेरे लिए,
नवसुर में कोयल गाता है - मीठा-मीठा-मीठा!"
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संपादक : सरस पायस
सुन्दर कविता.
आदाब
सच कहा ज्योति जी, अब तो क़लम की जगह नेट, और ब्लागर साथियों का समर्थन, आपसी जुड़ाव ने अलग ही संसार बना लिया है.
sunder rachna. badhaai.
सच लिखा है ... अंजाने से मधुर रिश्ते जुड़ जाते हैं इस ब्लॉगिंग की दुनिया में .... सुंदर रचना है आपकी ....
बहुत खुबसूरत कविता मैं तो बस आंख मींच कर आपके पीछे पीछे ही चल रही हूँ और आप लोगों के सहारे ही हूँ.आगे आने की न कोई इच्छा ना कोई होड़
bahut sahee baat badeepyaree rachana ke madhyam se kah dee aapne........
aapkee vichardhara ke sath hee hai ham.....
bahut badhiya ,badhai ho
yah pyaar bhara saath hamesha bana rahe.......
arse baad rashmi ki kiran bikhri shukriyaan .raavendra ji ,shahid ji ,mirza ji ,manoj ji,sumanji,digamber ji yogesh ji,rachna ji ,apantava ji.ismat ji aap sabhi ka tahe dil se shukriyaan .
बधाई हो कि ब्लागिंग में आपके सुखद अनुभव से यह कविता निकली । वरना यहॉं पतंगें लडाई भी जाती हैं और कट भी जाती हैं । :)
यदि ब्लॉगिंग सुखद स्वप्न की तरह है तो उसे कविता के माध्यम से बखूबी व्यक्त किया है ।
sach kahti hain blogging ki dunia hi aisi hai
khoobsurat anubhooti karwa gayi aapki kavita..
aabhaar..
सुंदर......!!
aap sabhi logo ka jyoti tahe dil se shukriyaan karti hai .aapke vichar nayi disha ka gyan karate hai .
सच लिखा है ... अंजाने से मधुर रिश्ते जुड़ जाते हैं इस ब्लॉगिंग की दुनिया में .... सुंदर रचना है आपकी ....
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