रविवार, 29 अगस्त 2010

फकीर



ये रास्ते है अदब के

कश्ती मोड़ लो ,

माझी किसी और

साहिल पे चलो

हम है नही खुदा

है खास ही ,

राहे - तलब अपनी

कुछ है और ही

नाराजगी का यहाँ

सामान नही बनना ,

वेवजह खुद को

रुसवा नही करना

बे अदब से गर्मी

माहौल में बढ़ जायेगी ,

कारण तकलीफ की

हमसे जुड़ जायेगी

हमें हजम नही होती

इतनी अदब अदायगी ,

चलते है साथ लिए

सदा सच्चाई -सादगी

फितरत हमें खुदा ने

बख्शी है फकीर की ,

ले चलो मोड़ कर

मुझे अपनी राह ही


21 टिप्‍पणियां:

kshama ने कहा…

"Fitrat hame bakshee hai faqeer kee....."Kya khoobsoorat khayal hai!
Rachana behad sanjeeda lagee!

Parul kanani ने कहा…

sundar ehsaas!

SATYA ने कहा…

sundar prastuti,
यहाँ भी पधारें :-
अकेला कलम
Satya`s Blog

माधव( Madhav) ने कहा…

सुनदर

दिगम्बर नासवा ने कहा…

गहरा एहसास लिए रचना ...

राज भाटिय़ा ने कहा…

जबाब नही जी, बहुत गहरी बात कह दी आप ने इस कविता मै धन्यवाद

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

बहुत ही अच्छी लगी यह रचना.. बहुत गहरी बात कह दी आप ने.......

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अदब के मोड़ बड़े ही घुमावदार हैं।

शोभना चौरे ने कहा…

adb aur beadbi ka achha vishleshan kiya hai aapne

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

चलते हैं साथ लिए सदा सादगी सच्चाई
फ़ितरत हमें खुदा ने बख्शी फ़कीर की
ले चलो मोड़ कर मुझे अपनी राह ही...
ज्योति जी,
बहुत ही अच्छे तरीके से
आपने सादगीपूर्ण जीवन के महत्व को प्रस्तुत किया है. बधाई.

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत जबरदस्त बात..वाह!

के सी ने कहा…

बहुत खूबसूरत !

Akhilesh pal blog ने कहा…

bahoot sundar likha jyoti ji ne

SATYA ने कहा…

कृपया अपने बहुमूल्य सुझावों और टिप्पणियों से हमारा मार्गदर्शन करें:-
अकेला या अकेली

रचना दीक्षित ने कहा…

वाह!वाह!
फितरत हमें खुदा ने

बख्शी है फकीर की ,

ले चलो मोड़ कर

मुझे अपनी राह ही ।


बहुत गहरी बात कह दी आप ने

संजय भास्‍कर ने कहा…

आपको और आपके परिवार को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ

अरुणेश मिश्र ने कहा…

आनन्ददायक रचना ।

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ ने कहा…

हमें हजम नही होती
इतनी अदब अदायगी,
चलते है साथ लिए
सदा सच्चाई -सादगी।
फितरत हमें खुदा ने
बख्शी है फकीर की,
ले चलो मोड़ कर
मुझे अपनी राह ही।

ज्योति जी,
जय हो!
आशीष

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

फितरत हमें खुदा ने

बख्शी है फकीर की ,

ले चलो मोड़ कर

मुझे अपनी राह ही ।------------------------------बहुत दार्शनिक भावों को सुन्दर शब्दों में बयान किया है आपने।

vikram7 ने कहा…

चलते है साथ लिए

सदा सच्चाई -सादगी ।

फितरत हमें खुदा ने

बख्शी है फकीर की ,

ati sundar rachana ke liye badhaaii

SATYA ने कहा…

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