यही जोटा ज़िन्दगी में ।
होता पढ़ें जोटा की जगह
वाह संगीता जी, आपको यहाँ पर देख कर बहुत ही खुशी हुई, हृदय से आभारी हूँ आपकी, आपके ब्लॉग पर जाती हूँ मगर कंमेंट बॉक्स नही खुलता है, कुछ लिख नही पाती इस कारण से । नमस्कार
बहुत सुंदर रचना।
हार्दिक आभार ज्योति जी, बहुत बहुत धन्यबाद आपका हौसला बढ़ाने के लिए।
जी नमस्ते ,आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२०-०२-२०२१) को 'भोर ने उतारी कुहासे की शाल'(चर्चा अंक- ३९८३) पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है। --अनीता सैनी
बिलकुल सत्य कहा आपने,लाज़बाब सृजन ,सादर नमन आपको
अपनों से भी ऐसा ही संवाद होता है जो सोचने पर विवश करता है कि आखिर गलत क्या हुआ । अति सुन्दर कथ्य ।
बिल्कुल सही कहां होता है मन चाहा संवाद या फिर कौन सुन कर भी सही तथ्य समझे।सुंदर सत्य।
सुंदर प्रस्तुति के लिए बधाई.
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10 टिप्पणियां:
यही जोटा ज़िन्दगी में ।
होता पढ़ें जोटा की जगह
वाह संगीता जी, आपको यहाँ पर देख कर बहुत ही खुशी हुई, हृदय से आभारी हूँ आपकी, आपके ब्लॉग पर जाती हूँ मगर कंमेंट बॉक्स नही खुलता है, कुछ लिख नही पाती इस कारण से । नमस्कार
बहुत सुंदर रचना।
हार्दिक आभार ज्योति जी, बहुत बहुत धन्यबाद आपका हौसला बढ़ाने के लिए।
जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२०-०२-२०२१) को 'भोर ने उतारी कुहासे की शाल'(चर्चा अंक- ३९८३) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
--
अनीता सैनी
बिलकुल सत्य कहा आपने,लाज़बाब सृजन ,सादर नमन आपको
अपनों से भी ऐसा ही संवाद होता है जो सोचने पर विवश करता है कि आखिर गलत क्या हुआ । अति सुन्दर कथ्य ।
बिल्कुल सही कहां होता है मन चाहा संवाद या फिर कौन सुन कर भी सही तथ्य समझे।
सुंदर सत्य।
सुंदर प्रस्तुति के लिए बधाई.
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