मिलता नही
न मिले न सही
कोई बात नही ,
दुनिया को समझने के लिए
जानने के लिए
जिंदगी ही काफी है
यहाँ जिंदगी ही बहुत कुछ
दे देती है हमें
ये भी कम नहीं ,
ये जिंदगी ही
सही सलामत रहे
बहुत है कही ।
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ये जिंदगी यू ही कुछ नहीं देती
बहुत कुछ देती है तो बहुत कुछ ले भी है लेती
यहाँ जिंदगी से बढ़ कर जिंदगी से पहले कुछ नहीं
इसी की वजह से सारी जरूरतें सारी बातें है होती,
ये सही सलामत है तब तक सब कुछ साथ है ।
जिस दिन ये नही उस दिन फिर कुछ नहीं ,
वजह भी यही, बेवजह भी यही हैं, इसलिए जो है जितना है उसे ही संभाल कर रक्खा जाये ,उसी के लिए दुआ किया जाये, सुख दुख सारे इसी के साथ है,जो कुछ अच्छा होता है मिलता है ,उसके लिए अपने मालिक का शुक्रिया अदा करे, जाने के बाद भी जो साथ रहता है वो है काम, एहसास ,कर्म, प्यार। इन्ही की कद्र करनी चाहिए, इन्ही की हिफाजत करनी चाहिए ,हम सभी इंसान को , यहाँ हौसले से काम बनते हैं, हथियार से नही, यहाँ हौसला जीतता है ,हथियार नही ।
यू तो कोई गिला नहीं
सबकुछ था क्या न था
फिर भी एक कमी सी थी
जिसका पता न था,
जाने क्या बात हुई
जाने क्या बात हुई?
10 टिप्पणियां:
ज़िन्दगी सतत बहता दरिया है । बस बहते जाना है ।
मन के भावों को समेटे भावपूर्ण विचार ।।
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज सोमवार 22 फरवरी 2021 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
सुन्दर प्रस्तुति.
सरल शब्दों में गहरी बात ।
सुंदर रचनात्मक अभिव्यक्ति...
बहुत सुन्दर
बहुत सुंदर सटीक चिंतन।
जो मिला है उसी को संभाल ले बन्दे।
सारे सितारे थामने जितना आकाश भी तो चाहिए।
गजब।
बधाई ज्योति जी।
क्या बात!
सुन्दर रचना।
सादर।
सुन्दर शब्द दिए हैं आपने
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति आदरणीय ज्योति जी।
सादर
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