आपबीती

तुम्हारे ओस रुपी अश्क से ये ,
नमी क्यो झलक रही है ?
कौन सी व्यथा की
ये लकीर खीँच रही है ।
किस दर्द भरी दास्ताँ को
बयां कर रही है ।
ऐ अजनबी ये तेरी आँखे ,
उदास लग रही है ।
खामोश निगाहें तुम्हारी
जुबां बन गई है ,
छिपाओ न और ज़ख्म
बहुत कुछ कह गई है ।
क्योकि हम सब के जो किस्से है ,
वही तो बुन रही है ।
आपबीती अपने आप को
दोहरा रही है ।

टिप्पणियाँ

M VERMA ने कहा…
आपबीती अपने आप को दोहरा रही है
बहुत खूब
vijay kumar sappatti ने कहा…
jyoti ji , maun aur man ki milijuli abhivyakti hai aapki ye kavita .. mujhe bahut acchi lagi aapki ye rachna .. badhai sweekar kare...
ज्योति सिंह ने कहा…
विजय जी ,आपकी बाते मेरी कविता से ज्यादा बेहतर है ,धन्यवाद .
RAJ SINH ने कहा…
कह पाना मन , कह जाना मन , इतना आसान तो नहीं होता . और इस सौन्दर्य्शीलता से .
बहुत सुन्दर !
ज्योति सिंह ने कहा…
राज जी ,आप ब्लॉग पे आये अच्छा लगा .मन को समझाना सचमुच ही मुश्किल है ,बहुत सुन्दर विचार है आपके .शुक्रिया .
Razi Shahab ने कहा…
har lafz aur har andaaz dil mein basane ke qabil hai bahut achcha
daanish ने कहा…
mn ke andar panap rahi kash.m.kash
ka khoob chitran kiya hai aapne apni
iss nazm meiN....
maun jab aankhoN ke khaalipan se jhaankta
hai to qreeb-qreeb sb bayaaN ho jata hai
bs...padhne wala hona chahiye...

---MUFLIS---
सच कहा सब aapbeeti अपने आप को dohrati है........... समय lout कर जरूर आता है .........
इतने सारे रचनाकार अपनी टिप्पणियों में लगभग सब कह चुके हैं....देर से आने के लिये माफ़ तो करेंगीं न?
ज्योति सिंह ने कहा…
आप सभी लोगो का तहे दिल से शुक्रिया .इतने प्यारे टिपण्णी के लिए आभारी हूँ .
शोभना चौरे ने कहा…
खामोश निगाहें तुम्हारी
जुबां बन गई है ,
छिपाओ न और ज़ख्म
बहुत कुछ कह गई है ।
bhut sundar likha hai.
bhut khoob
ARUNA ने कहा…
ज्योति जी ये लीजिये आ गयी मैं!
बहुत ही सुन्दर और सरल है आपकी रचना ! मैं धीरे धीरे बाकी सब पोस्ट पढूंगी!
मुझे हिंदी बहुत ही पसंद है!
काश मैं भी लिख पाती मेरे ब्लॉग में लेकिन सबको समझ आये इसलिए मैं सिर्फ अंग्रेजी में लिखती हूँ!
ज्योति सिंह ने कहा…
शोभना जी ,अरुणा जी ,क्या कहू ?कुछ सोंच नहीं पा रही .शुक्रिया आपके लिए छोटा लग रहा है .तहे दिल से आभारी हूँ .
अरुणा जी आप भी मेरी रचना की तरह सरल है और अच्छी इंसान भी .जो किसी की बात का मान बढाये वह कोई विशेष होता है .ऐसे लोगो की मैं बहुत इज्जत करती हूँ .अच्छा लगा आने से .

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