चाह
ले चल 'खुदा ' मुझे वहां
जहाँ दिल ये सुकूं पाये ।
प्रेम -भावना का आशियाना
हमारी ज़मीं बसाये ,
खुली फिजाओ में बाहे फैलाकर
आजाद खयालो के संग लहराये ।
मेरी तन्हाई , मेरे अरमान
मेरे साथी बन ,
ऊँची उड़ानो के पंख फैलाये ।
टिप्पणियाँ
bahut cute rachna.badhai.
सुन्दर भावपूर्ण रचना पर हार्दिक बधाई.
मित्रता दिवस पर शुभकामनाएँ।