सूरज ढूँढ लाओ जब खो जाये , चाँद को उठाओ जब सो जाये । तारो को दो आवाज़ जब छुप जाये । सुर मीठे छेड़ो उदास कही जब , मन ये हो जायेदेखन में छोटी लगै, घाव करै गम्भीर.
kuchh baate yaad aa gayi gujre waqt ki aur muskaan aap hi khich gayi ,is tivra gati se shukriya mere dost
हाय ज्योति जी, बहुत दिनों के बाद फिर से वापस आई हूँ, अरसा हो गया! हमेशा की तरह यहाँ पे आके अच्छा लगा!
dekhiye kamee mahsoos karane wale hai aur bhee hai..........mehmaan gaye?yade khazana hai .......pyaree kavita.......
सूरज ढूँढ लाओजब खो जाये , nice
बहुत अच्छी कविता।
नई ताजगी लिए बहुत ही सुंदर कविता ।आदरणीय महोदया आपने पुछा था कि क्या मैं कोलकाता से हूं ।जी हां, मैं कोलकाता से हूं ।आपका आभार .
वाकई बहुत अच्छी कविता ।
सच कहा .......... मन की उदासी बहुत खराब है ........ डोर तो होनी ही चाहिए ....... और ये सब बातें खुशी देती हैं ... अच्छा लिखा .......
wah wah..bahuht gambhir baat ko kavita mein acha piroya hia aapne :)
dilon men jyoti jagati sunder rachna. badhaai.
सुर मीठे छेड़ोउदास कही जब ,मन ये हो जाये । Kitna pyara sandesh hai!
ज्योति जी मेरा मन पता हे क्या कर रहा है की मैं आपको ढून्ढ लाऊ क्युकी आप मेरे ब्लॉग से कही खो गयी है...क्यों सही कह रही हु न में ???बहुत मासूम रचना है...बधाई.
jyoti ji,sur meethe chhedo udaas kahin jab man ye ho jayekya bat kah di aapne ine gine shabdon men ,mubarak ho
आप ही ने इतना मीठा सुर छेड़ दिया है की उदास हो की गुंजाईश ही कहाँ है
aap jaisi surili hai ye kavita mn khush ho gya .aisi hi khushiyan bikherti rahe aap .shubhkamnaye
सुन्दर रचना। उदास मन को मीठे सुर ही उत्साह में बदल सकते हैं।
छोटी सी पर आशा का अपूर्व संचार कराती हुई सुंदर रचना । बधाई आपको ।
aap sabhi ki dil se aabhari hoon
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20 टिप्पणियां:
सूरज ढूँढ लाओ
जब खो जाये ,
चाँद को उठाओ
जब सो जाये ।
तारो को दो आवाज़
जब छुप जाये ।
सुर मीठे छेड़ो
उदास कही जब ,
मन ये हो जाये
देखन में छोटी लगै, घाव करै गम्भीर.
kuchh baate yaad aa gayi gujre waqt ki aur muskaan aap hi khich gayi ,is tivra gati se
shukriya mere dost
हाय ज्योति जी, बहुत दिनों के बाद फिर से वापस आई हूँ, अरसा हो गया! हमेशा की तरह यहाँ पे आके अच्छा लगा!
dekhiye kamee mahsoos karane wale hai aur bhee hai..........
mehmaan gaye?
yade khazana hai .......
pyaree kavita.......
सूरज ढूँढ लाओ
जब खो जाये , nice
बहुत अच्छी कविता।
नई ताजगी लिए बहुत ही सुंदर कविता ।
आदरणीय महोदया आपने पुछा था कि क्या मैं कोलकाता से हूं ।
जी हां, मैं कोलकाता से हूं ।
आपका आभार .
वाकई बहुत अच्छी कविता ।
सच कहा .......... मन की उदासी बहुत खराब है ........ डोर तो होनी ही चाहिए ....... और ये सब बातें खुशी देती हैं ... अच्छा लिखा .......
wah wah..bahuht gambhir baat ko kavita mein acha piroya hia aapne :)
dilon men jyoti jagati sunder rachna. badhaai.
सुर मीठे छेड़ो
उदास कही जब ,
मन ये हो जाये ।
Kitna pyara sandesh hai!
ज्योति जी मेरा मन पता हे क्या कर रहा है की मैं आपको ढून्ढ लाऊ क्युकी आप मेरे ब्लॉग से कही खो गयी है...क्यों सही कह रही हु न में ???
बहुत मासूम रचना है...बधाई.
jyoti ji,
sur meethe chhedo
udaas kahin jab man ye ho jaye
kya bat kah di aapne ine gine shabdon men ,mubarak ho
आप ही ने इतना मीठा सुर छेड़ दिया है की उदास हो की गुंजाईश ही कहाँ है
aap jaisi surili hai ye kavita mn khush ho gya .
aisi hi khushiyan bikherti rahe aap .
shubhkamnaye
सुन्दर रचना।
उदास मन को मीठे सुर ही उत्साह में बदल सकते हैं।
सुन्दर रचना।
उदास मन को मीठे सुर ही उत्साह में बदल सकते हैं।
छोटी सी पर आशा का अपूर्व संचार कराती हुई सुंदर रचना । बधाई आपको ।
aap sabhi ki dil se aabhari hoon
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