क्या बात है !हम इसकी आमद सेघबराते रहे ,ये अपना राजफैलाता रहाबहुत बढ़िया ज्योति जी
वाह दर्द का आहिस्ता से आना और चुपके से अपनी जडें जमाना बहुत बढिया ।
बहुत बढ़िया
दर्द अहिस्ता आहिस्ता ही आता है...कभी बिना आहट भी ...और चुपके से कब अपना राज कायम कर लेता है ..मालूम ही नहीं चलता .बहुत सुंदरता से आप ने मन के भावों को अभिव्यक्त किया है .छोटी सी कविता गहरी सी बात कह दी..
बहुत सुन्दर ज्योतिजी बहुत अर्थपूर्ण रचना है आपकी ! बधाई !
Oh!Wah! Sach...bilkul aisahi hota hai..dard dekhte hi dekhte hamare jeevan me bas jata hai!
हमेशा की तरह बहुत शशक्त रचना है...भावनाओं को शब्द देना कोई आपसे सीखे...बेहतरीन...मेरा अभिवादन स्वीकार करें...
बहुत ख़ूब.
बहुत सुन्दर, बेहद प्रभावशाली, कमाल कि अभिव्यक्ति!
कमाल की अभिव्यक्ति.... दिल को छू गई..
एक सच्ची अभिव्यक्ति
ज्योति जी, दर्द को आपने बखूबी समझा है।…………..स्टोनहेंज के रहस्य… ।चेल्सी की शादी में गिरिजेश भाई के न पहुँच पाने का दु:ख..
बहुत खुब धन्यवाद
dard ka aana... bahut gahri abhivyakti
हम इसकी आमद सेघबराते रहे ,ये अपना राजफैलाता रहाक्या बात है..... !बहुत बढ़िया....!!
बहुत बढिया रचना है !!बधाई।
थोड़े शब्दों में गहरी बात. बहुत सुंदर.
एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं ! आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !
बहुत बढ़िया,बहुत सुन्दर.
बहुत सुंदरता से आप ने मन के भावों को अभिव्यक्त किया है ...बहुत बढ़िया....!!
और उसकी आहट शब्दों में उतरती रही ।
bahoot sundar
बहुत बढिया चंद शब्दों मे गहरे भाव। आभार।
bahut badiya!
दर्द बहुत तेज़ी से फैलता है ... इसका कोई इलाज़ नही ...
एक टिप्पणी भेजें
25 टिप्पणियां:
क्या बात है !
हम इसकी आमद से
घबराते रहे ,
ये अपना राज
फैलाता रहा
बहुत बढ़िया ज्योति जी
वाह दर्द का आहिस्ता से आना और चुपके से अपनी जडें जमाना बहुत बढिया ।
बहुत बढ़िया
दर्द अहिस्ता आहिस्ता ही आता है...कभी बिना आहट भी ...और चुपके से कब अपना राज कायम कर लेता है ..मालूम ही नहीं चलता .
बहुत सुंदरता से आप ने मन के भावों को अभिव्यक्त किया है .छोटी सी कविता गहरी सी बात कह दी..
बहुत सुन्दर ज्योतिजी बहुत अर्थपूर्ण रचना है आपकी ! बधाई !
Oh!Wah! Sach...bilkul aisahi hota hai..dard dekhte hi dekhte hamare jeevan me bas jata hai!
हमेशा की तरह बहुत शशक्त रचना है...भावनाओं को शब्द देना कोई आपसे सीखे...बेहतरीन...मेरा अभिवादन स्वीकार करें...
बहुत ख़ूब.
बहुत सुन्दर, बेहद प्रभावशाली, कमाल कि अभिव्यक्ति!
कमाल की अभिव्यक्ति.... दिल को छू गई..
एक सच्ची अभिव्यक्ति
ज्योति जी, दर्द को आपने बखूबी समझा है।
…………..
स्टोनहेंज के रहस्य… ।
चेल्सी की शादी में गिरिजेश भाई के न पहुँच पाने का दु:ख..
बहुत खुब धन्यवाद
dard ka aana... bahut gahri abhivyakti
हम इसकी आमद से
घबराते रहे ,
ये अपना राज
फैलाता रहा
क्या बात है..... !
बहुत बढ़िया....!!
बहुत बढिया रचना है !!बधाई।
थोड़े शब्दों में गहरी बात. बहुत सुंदर.
एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !
बहुत बढ़िया,
बहुत सुन्दर.
बहुत सुंदरता से आप ने मन के भावों को अभिव्यक्त किया है ...
बहुत बढ़िया....!!
और उसकी आहट शब्दों में उतरती रही ।
bahoot sundar
बहुत बढिया चंद शब्दों मे गहरे भाव। आभार।
bahut badiya!
दर्द बहुत तेज़ी से फैलता है ... इसका कोई इलाज़ नही ...
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