शीर्षक --आदमी
मुनाफे के लिए आदमी
व्यापार बदलता है,
खुशियों के लिए आदमी
व्यवहार बदलता है ,
ज़िन्दगी के लिए आदमी
रफ्तार बदलता है ,
देश के लिये आदमी
सरकार बदलता है ,
तरक्की के लिए आदमी
ऐतबार बदलता है,
दुनिया के लिए आदमी
किरदार बदलता है ।
और इसी तरह
बदलते बदलते
एक रोज यही आदमी
ये संसार बदलता है
11 टिप्पणियां:
बेहतरीन रचना... ,यथार्थ ,सादर स्नेह
धन्यवाद आपका ,नमस्कार
कामिनी जी आपका कमेंट बॉक्स नही खुल रहा कई रचना पढ़ी कमेंट एक ही में कर पाई ।
आपकी लिखी रचना मंगलवार 12 मार्च 2019 के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
धन्यवाद यशोदा जी नमस्कार
सार्थक,सुंंदर रचना
बहुत सुंदर प्रस्तुति।
वाह!!!
क्या बात है...बहुत लाजवाब...
आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को शुभकामनायें : ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...
सुन्दर भावों को बखूबी शब्द जिस खूबसूरती से तराशा है। काबिले तारीफ है।
धन्यवाद संजय जी
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