आदमी
शीर्षक --आदमी
मुनाफे के लिए आदमी
व्यापार बदलता है,
खुशियों के लिए आदमी
व्यवहार बदलता है ,
ज़िन्दगी के लिए आदमी
रफ्तार बदलता है ,
देश के लिये आदमी
सरकार बदलता है ,
तरक्की के लिए आदमी
ऐतबार बदलता है,
दुनिया के लिए आदमी
किरदार बदलता है ।
और इसी तरह
बदलते बदलते
एक रोज यही आदमी
ये संसार बदलता है
टिप्पणियाँ
क्या बात है...बहुत लाजवाब...