मंगलवार, 12 मई 2020

अच्छी नही .........

चुप्पी इतनी भी अच्छी नही 

कि हम बोलना भूल जायें ,

नारजगी इतनी भी अच्छी नही

कि हम मनाना भूल जाये ,,

उदासी इतनी भी अच्छी नहीं

कि हम खुश होना भूल जाये ,

दूरियां इतनी भी अच्छी नहीं

कि हम साथ रहना भूल जायें ,

शिकायतें इतनी भी अच्छी नहीं

कि हम हक जताना भूल जाये ,

बातें ऐसी कोई भी अच्छी नहीं, मेरे यारों

कि हम क़दर  करना  भूल जायें  ।

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12 टिप्‍पणियां:

Digvijay Agrawal ने कहा…

आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 13 मई 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

अजय कुमार झा ने कहा…

सच कहा आपने , किसी भी बात की अति अच्छी नहीं होती |

रेखा श्रीवास्तव ने कहा…

अच्छी है तो अब तुम्हारे फिर ब्लॉगिंग में जुटने की आदत ।

Jyoti Singh ने कहा…

हृदय से आभारी हूँ आपकी ,धन्यवाद

Jyoti Singh ने कहा…

शुक्रियां अजय जी ,रिश्तों की हिफाजत के लिए यह जरूरी भी है ।

Jyoti Singh ने कहा…

आपका स्नेह ही है जो दोबारा यात्रा पर निकल पड़ी हूँ ,हृदय से आभारी हूँ ,धन्यवाद

मन की वीणा ने कहा…

सुंदर सार्थक भाव लिए सुंदर रचना।

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

बहुत सुन्दर भाव.

दिगम्बर नासवा ने कहा…

अधिकता हर बात की बुरी ...
सब कुछ संयत हो के करना उचित होता है ... अच्छी रचना है ...

Jyoti Singh ने कहा…

बहुत बहुत आभार ,धन्यवाद आपका

Jyoti Singh ने कहा…

बहुत बहुत धन्यवाद आपका

Jyoti Singh ने कहा…

आपका स्वागत है मेरे ब्लॉग पर, आप जितना बढ़िया लिखते है ,टिप्पणी भी उतनी ही बढ़िया करते है ।शुक्रियां