ये इश्क नही आसान फिर भी ......
कहते है प्यार ज़िन्दगी देता है ,
इसे तो मैंने बेसहारा करते देखा ,
दर्द में लोगो को डूबोते देखा ,
दर्द से दर्द को लड़ते देखा ।
ज़ख्म को हर पल उभरते देखा ,
आंसुओ में भीगते -भीगोते देखा ।
बन्धनों में नेह टूटते देखा ,
पकड़ने की चाह में छूटते देखा ।
तिनका -तिनका से बना आशियाना ,
इस भरोसे पर टूटते देखा ।
फिर भी इसका दामन सबको ,
हर सदी में थामते देखा ।
इश्क ने हमें कही का छोड़ा नही ,
फिर भी इश्क को हमने छोड़ा नही ।
इसे तो मैंने बेसहारा करते देखा ,
दर्द में लोगो को डूबोते देखा ,
दर्द से दर्द को लड़ते देखा ।
ज़ख्म को हर पल उभरते देखा ,
आंसुओ में भीगते -भीगोते देखा ।
बन्धनों में नेह टूटते देखा ,
पकड़ने की चाह में छूटते देखा ।
तिनका -तिनका से बना आशियाना ,
इस भरोसे पर टूटते देखा ।
फिर भी इसका दामन सबको ,
हर सदी में थामते देखा ।
इश्क ने हमें कही का छोड़ा नही ,
फिर भी इश्क को हमने छोड़ा नही ।
टिप्पणियाँ
फिर भी इश्क को हमने छोड़ा नही ।
क्या बात है!!!!बहुत खूब.
ishq chhodne ki cheej hi nahin hai ji. pakde rakhiye.
sunder rachna . badhai.
फिर भी इश्क को हमने छोड़ा नही
बहुत खूब
वैसे भी सच्चा प्रेम त्याग में है, पाने की आस में नहीं,
आज के प्रेम दुखदाई इसलिए कि सदा पाने की ही आस रहती है...............
गंभीर बातों को बहुत करीने से शब्द-बद्ध किया है आपने.
विशेष सन्देश देती इस रचना पर आपको हार्दिक बधाई.