
ख्यालो की दौड़ कभी
थमती नही
कलम को थाम सकू
वो फुर्सत नही ,
जब भी कोशिश की
पकड़ने की
वक़्त छीन ले गया ,
एक पल को
रूकने नही दिया ,
सोचती हूँ
इन्द्रधनुषी रंग सभी
क्या बादल में ही
छिप कर रह जायेंगे ,
या जमीं को भी
कभी हसीं बनायेंगे l
25 टिप्पणियां:
इन्द्रधनुषी रंग सभी
क्या बादल में ही
छिप कर रह जायेंगे ,
या जमीं को भी
कभी हसीं बनायेंगे l
जरुर बनायेंगे ...बस हम अपना सार्थक प्रयास करते रहें ....!
यही प्रवाह बना रहे, हठी तट राह देंगे।
bahut sundar post
जब भी कोशिश की
पकड़ने की
वक़्त छीन ले गया ,
एक पल को
रूकने नही दिया
waah !
बहुत ही अच्छी कविता।
सादर
बहुत सुन्दर रचना।
जब भी कोशिश की
पकड़ने की
वक़्त छीन ले गया ,
एक पल को
रूकने नही दिया...बहुत खूबसूरती से अपने भावो को सजाया है....
इन्द्रधनुषी रंग सभी
क्या बादल में ही
छिप कर रह जायेंगे .........
मन में प्रबल इच्छा हो तो एक दिन सपने पूरे होते हैं ..हौसले बुलंद रखीये..
माध्यम बनना हैं बस, बाकि कब किसी ने कोई रचना की हैं, रचनाकार तो सिर्फ एक ही हैं.
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
ये विचारों कि ही तो दौड है जो हर पल दौडती रहती है उससे हम सच में नहीं पकड़ पते जिस तरह समय पर किसी का बस नहीं वैसे विचारों पर भी किसी कि पकड़ नहीं | संसार का सारा कारवां वक्त और सोच पर ही टिका है |
बहुत सुन्दर रचना सार्थक |
ज्योति जी बहुत बहुत धन्यवाद् आपको मेरे ब्लाग में आने पर आप दोबारा जरुर आये और वहा से मेरे अन्य ब्लाग लिखा है वह क्लिक करके दुसरे ब्लागों पर भी जा सकते है आपको जो मेरी व्यंग्य पसंद आई उसके लिए भी धन्यवाद्
MITRA-MADHUR: ज्ञान की कुंजी ......
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति.......
bahut sunder......
इन्द्रधनुषी रंग सभी
क्या बादल में ही
छिप कर रह जायेंगे ,
या जमीं को भी
कभी हसीं बनायेंगे...
कितनी खूबसूरती से कही है ये बात...
ज्योति जी, बहुत बहुत बधाई.
सुन्दर भावाव्यक्ति............
सुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ शानदार रचना! बेहतरीन प्रस्तुती!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
इन्द्रधनुषी रंग सभी
क्या बादल में ही
छिप कर रह जायेंगे ........
बेहद उम्दा रचना
यकीनन जमीन पर भी आयेंगे ! स्पष्ट अभिव्यक्ति के लिए बधाई ....
यकीनन जमीन पर भी आयेंगे ! स्पष्ट अभिव्यक्ति के लिए बधाई ....
sunder bhav pravah rachna. lekin kalam hath me aa hi gayi...aur samay ne fursat de hi di.
apka mere is blog par bhi swagat hai.
http://anamka.blogspot.com/2011/08/blog-post_20.html
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें.
आपको एवं आपके परिवार को जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
सच है जब ये रंग बादल से उतर धरती पे आ जायेंगे ... बहार तभी आएगी ... लाजवाब रचना है ...
वाह! आपने तो आपने मानस में छिपे भावों का
मन मोहक इन्द्रधनुषी रंग प्रस्तुत कर दिया है.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.
Bahut khoob bhav hai. bas nakaratmakta ko sakaratmakta ka sahara mil jaye.
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