शुक्रवार, 29 मई 2020

छोटी छोटी दो रचनाये

लौटकर  कोई  आये न आये

आवाज आती तो है

वापसी का पैगाम

उम्मीद  जगाती तो है ,

दिन बदलता है  सभी का

तुम्हारा भी बदलेगा

देकर जरा सी तसल्ली

उम्र बढ़ाती तो है ।
💐💐💐💐💐💐💐

लाख दाग हो

फिर भी

बेदाग ही

कहलाता है ,

ये चाँद 

सबको

खूबसूरत ही

नजर आता है ।
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10 टिप्‍पणियां:

राजीव तनेजा ने कहा…

बढ़िया रचनाएँ 👍👍👌👌

शरद कोकास ने कहा…

बहुत सुंदर छोटी छोटी कविताएँ

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा…

सुन्दर

रेखा श्रीवास्तव ने कहा…

बढ़िया ।

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

दोनों रचनाएँ बहुत सुन्दर.

संगीता पुरी ने कहा…

दोनों रचनाएं सुन्दर बनी !

Jyoti Singh ने कहा…

धन्यवाद संगीता जी

Sarita sail ने कहा…

अच्छी रचनाएं

Jyoti Singh ने कहा…

सभी साथियों का हार्दिक आभार ,साथ ही बहुत बहुत धन्यवाद भी ,यू ही आकर हौसला बढ़ाते रहिये आप सभी ,नमस्कार

Gajendra Bhatt "हृदयेश" ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति ज्योति जी!... बधाई!