छोटी छोटी दो रचनाये

लौटकर  कोई  आये न आये

आवाज आती तो है

वापसी का पैगाम

उम्मीद  जगाती तो है ,

दिन बदलता है  सभी का

तुम्हारा भी बदलेगा

देकर जरा सी तसल्ली

उम्र बढ़ाती तो है ।
💐💐💐💐💐💐💐

लाख दाग हो

फिर भी

बेदाग ही

कहलाता है ,

ये चाँद 

सबको

खूबसूरत ही

नजर आता है ।
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टिप्पणियाँ

राजीव तनेजा ने कहा…
बढ़िया रचनाएँ 👍👍👌👌
शरद कोकास ने कहा…
बहुत सुंदर छोटी छोटी कविताएँ
दोनों रचनाएँ बहुत सुन्दर.
दोनों रचनाएं सुन्दर बनी !
Jyoti Singh ने कहा…
धन्यवाद संगीता जी
Sarita sail ने कहा…
अच्छी रचनाएं
Jyoti Singh ने कहा…
सभी साथियों का हार्दिक आभार ,साथ ही बहुत बहुत धन्यवाद भी ,यू ही आकर हौसला बढ़ाते रहिये आप सभी ,नमस्कार
सुन्दर प्रस्तुति ज्योति जी!... बधाई!

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