छोटी छोटी दो रचनाये
लौटकर कोई आये न आये
आवाज आती तो है
वापसी का पैगाम
उम्मीद जगाती तो है ,
दिन बदलता है सभी का
तुम्हारा भी बदलेगा
देकर जरा सी तसल्ली
उम्र बढ़ाती तो है ।
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लाख दाग हो
फिर भी
बेदाग ही
कहलाता है ,
ये चाँद
सबको
खूबसूरत ही
नजर आता है ।
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