एक दूजे का साथ जरूरी है
महिलाओ को एक दूजे का
साथ जरूरी है ,
हक -सम्मान का आपस में
लेन -देन जरूरी है ।
तभी मिटेगी किस्मत की
अँधेरी तस्वीर ,
धो देगी मन के मैल सभी
संगम धारा की नीर ।
फूट पड़ेगी प्रेम की धारा
प्रीत की रीत से ,
बदल जायेगी हर तस्वीर
संगठन की जीत से ।
हर राह सुलभ हो जायेगी
एकता की जंजीर से ,
अरमानो के फूल खिलेंगे
सुखे हुए हर वृक्ष से ।
नारी से बेहतर नारी को
कौन समझ पायेगा
मिल जायेगी जहां ये शक्तियां
फिर कौन हरा पायेगा ?
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महिला दिवस की सबको बधाई इन पंक्तियों के साथ
एक पल ठहरे जहां जग हो अभय
खोज करती हूँ उसी आधार की ।
टिप्पणियाँ
सादर नमन आपको
सुंदर प्रेरक पंक्तियां।