एक दूजे का साथ जरूरी है


महिलाओ को एक दूजे का 
साथ जरूरी है ,

हक -सम्मान का आपस में
लेन -देन जरूरी है ।

तभी मिटेगी किस्मत की
अँधेरी तस्वीर ,

धो देगी मन के मैल सभी
संगम धारा की नीर ।

फूट पड़ेगी प्रेम की धारा
प्रीत की रीत से ,

बदल जायेगी हर तस्वीर
संगठन की जीत से ।

हर राह सुलभ हो जायेगी
एकता की जंजीर से ,

अरमानो के फूल खिलेंगे
सुखे हुए हर वृक्ष से ।

नारी से बेहतर नारी को
कौन समझ पायेगा

मिल जायेगी जहां ये शक्तियां
फिर कौन हरा पायेगा ?
............................................
महिला दिवस की सबको बधाई इन पंक्तियों के साथ
एक पल ठहरे जहां जग हो अभय 
खोज करती हूँ उसी आधार की ।

टिप्पणियाँ

yashoda Agrawal ने कहा…
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 05 मार्च 2021 को साझा की गई है........."सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
हर जीत में एकता ज़रूरी है ।सुंदर ।
Kamini Sinha ने कहा…
बहुत ही सुंदर सृजन,संगठन की ही जीत होती है,और अब इसी की आवश्कता है.
सादर नमन आपको
Anuradha chauhan ने कहा…
बहुत सुंदर सृजन।
MANOJ KAYAL ने कहा…
बेहतरीन सृजन
मन की वीणा ने कहा…
महिला दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।
सुंदर प्रेरक पंक्तियां।

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