जी नमस्ते, आपकी लिखी रचना आज शनिवार 20 मार्च 2021 को शाम 5 बजे साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन " पर आप भी सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद! ,
बिलकुल नहीं करते ज़िक्र हम तूफानों का बस तुम स्वागत करो आकांक्षाओं की वधु का नावों को भी मोड़ दे देंगे हवाओं के रुख का साहिल पर भी बाँध देंगे तुम्हारी उमंग भरी नाव को हर तम को भगा बस रोशन करेंगे ज्योति को ..
बहुत सकारात्मक रचना ... अच्छा लगा पढना और भावनाओं से जूझना भी :) :)
रचना के बदले रचना, कमाल है संगीता जी,शब्दों की तलाश में हूँ कि आपकी तारीफ मे कुछ कह सकूँ,आपके स्नेहयुक्त शब्दों को पढ़ कर मैं भाव विभोर हो उठी,बेहतरीन टिप्पणी अब तक की,आप जैसे लोगों से मिलकर मेरा यकीं गहरा होने लगा है ये दुनिया इंसानों की दुनिया सदैव रही हैं और रहेगी,असल में संबंध भावनाओ और संवेदनाओ का ही होता हैं, ये सच्चे और अच्छे हो तो जिंदगी खूबसूरत हो ही जाती है, मेरा सौभाग्य है कि आप जैसे लोग मेरे साथ है,आपस का ये अपनापन यू ही कायम रहे,आपका सरल स्वभाव मुझे बहुत प्रभावित करता है,कभी कभी सोचती हूँ काश आपसे मिल पाती ,कुछ सीख पाती,तहे दिल से शुक्रिया आपका,प्यारी सी टिप्पणी के लिए जिसने मुझे ढेरों खुशियाँ दी।
जिज्ञासा कुछ न होने से अच्छा है कुछ होना,जिससे जिंदगी का भरोसा हमेशा बना रहे,तुम भी तो बहुत अच्छी हो, कितना अच्छा लिखती हो,मैंने अपने सारे ब्लॉगर साथियों में एक अच्छे इंसान को पाया है,सभी की सोच काफी गहरी है, सभी संवेदनशील बेहतरीन उत्कृष्ट रचनाकार है ।तुम सभी की स्नेहयुक्त प्रतिक्रिया हिम्मत बढ़ाती है,तुम सभी की सुंदर सुंदर रचना जिंदगी से मिलवाती है,जीने का मतलब समझाती है,प्यारी सी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यबाद जिज्ञासा ।
प्रिय ज्योति, ऐसा मैंने कुछ नहीं किया , बस पढ़ते हुए जो भी मन में भाव उठते हैं यूँ ही लिख देती हूँ । आपका तो पुराना साथ है । किस्मत में होगा तो ज़रूर मुलाकात होगी । स्नेह
23 टिप्पणियां:
जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना आज शनिवार 20 मार्च 2021 को शाम 5 बजे साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन " पर आप भी सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद! ,
हार्दिक आभार बहुत बहुत शुक्रिया श्वेता जी,
बिलकुल नहीं करते
ज़िक्र हम तूफानों का
बस तुम स्वागत करो
आकांक्षाओं की वधु का
नावों को भी मोड़ दे देंगे
हवाओं के रुख का
साहिल पर भी बाँध देंगे
तुम्हारी उमंग भरी नाव को
हर तम को भगा बस
रोशन करेंगे ज्योति को ..
बहुत सकारात्मक रचना ... अच्छा लगा पढना और भावनाओं से जूझना भी :) :)
बहुत सुंदर संदेश भरी रचना,काश कि हर कोई इतनी अच्छी और सच्ची सोच वाला हो,सादर नमन आपको।
रचना के बदले रचना, कमाल है संगीता जी,शब्दों की तलाश में हूँ कि आपकी तारीफ मे कुछ कह सकूँ,आपके स्नेहयुक्त शब्दों को पढ़ कर मैं भाव विभोर हो उठी,बेहतरीन टिप्पणी अब तक की,आप जैसे लोगों से मिलकर मेरा यकीं गहरा होने लगा है ये दुनिया इंसानों की दुनिया सदैव रही हैं और रहेगी,असल में संबंध भावनाओ और संवेदनाओ का ही होता हैं, ये सच्चे और अच्छे हो तो जिंदगी खूबसूरत हो ही जाती है, मेरा सौभाग्य है कि आप जैसे लोग मेरे साथ है,आपस का ये अपनापन यू ही कायम रहे,आपका सरल स्वभाव मुझे बहुत प्रभावित करता है,कभी कभी सोचती हूँ काश आपसे मिल पाती ,कुछ सीख पाती,तहे दिल से शुक्रिया आपका,प्यारी सी टिप्पणी के लिए जिसने मुझे ढेरों खुशियाँ दी।
जिज्ञासा कुछ न होने से अच्छा है कुछ होना,जिससे जिंदगी का भरोसा हमेशा बना रहे,तुम भी तो बहुत अच्छी हो, कितना अच्छा लिखती हो,मैंने अपने सारे ब्लॉगर साथियों में एक अच्छे इंसान को पाया है,सभी की सोच काफी गहरी है, सभी संवेदनशील बेहतरीन उत्कृष्ट रचनाकार है ।तुम सभी की स्नेहयुक्त प्रतिक्रिया हिम्मत बढ़ाती है,तुम सभी की सुंदर सुंदर रचना जिंदगी से मिलवाती है,जीने का मतलब समझाती है,प्यारी सी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यबाद जिज्ञासा ।
हार्दिक आभार कुलदीप जी शुक्रिया
प्रिय ज्योति,
ऐसा मैंने कुछ नहीं किया , बस पढ़ते हुए जो भी मन में भाव उठते हैं यूँ ही लिख देती हूँ । आपका तो पुराना साथ है । किस्मत में होगा तो ज़रूर मुलाकात होगी । स्नेह
बहुत सुंदर !आशा का संचार करती सार्थक कविता ज्योति जी।
सुंदर मनोभाव।
सकारात्मकता बिखेरती खूबसूरत सी भावाभिव्यक्ति।
कविसुलभ उदार भावनाओं कोसंजोये भावपूर्ण रचना प्रिय ज्योति जी। हार्दिक शुभकामनाएं ❤❤🌹🌹
वाह!सकारात्मकता से भरी सुंदर रचना ।
सुन्दर रचना 🥰
हार्दिक आभार
हार्दिक आभार मीना जी, 🙏🙏
बहुत बहुत शुक्रिया रेणु जी 🌷🌷👋👋
हार्दिक आभार शुभा जी 🙏🙏
हार्दिक आभार उषा जी, 🙏🙏
हार्दिक आभार उषा जी, 🙏🙏
बहुत बहुत सुन्दर रचना
बेहद खूबसूरत रचना।
मनभावन कृति के लिए हार्दिक बधाई।
भावपूर्ण अभिव्यक्ति ...
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