यकीं बन कर आए,

चाहो तो रोक लो,

वरना क्या जाने कब,

धुँआ बन उड़ जाए।

इस एतबार का

कुछ कहा न जाए,

कुछ पल पहले साथ,

आगे धोखा दे जाए।

टिप्पणियाँ

Yogesh Verma Swapn ने कहा…
chhoti si rachna , khubsurat. badhai.
ज्योति सिंह ने कहा…
shukariya .yakin to apne aap me khubsurat hai.
shiv sagar ने कहा…
Hi, it is nice. Your views are clear in the darkness. Keep it on.

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