'राजीव के स्मृति में '

आज फिर पलके भीग आई ,
आज फिर खोई पुरवा लौट आई ,
कुछ वर्षो पूर्व जो ,
खो गया अतीत में
आज इतिहास बनकर लहराई ,
वह खौफनाक हादसा जो ,
तुम्हे हमसे जुदा कर गई ,
यही हादसा याद बनकर
आंखों में फिर उतर गई ,
उम्मीद हमें अभी भी है
तुम्हारी वापसी की ,
तुम आओगे उजाला बनकर
शीतल चांदनी का ,
राष्ट्र का कण -कण है ,
अभी भी तुम्हे पुकारता
तुम्हारी याद में हर वर्ष ,
है ये आंसू बहाता ,
इस राष्ट्र को तुम्हारा ही
कर्णधार चाहिए ,
उद्धार हो इस देश का
ऐसा दिव्य पुरूष चाहिए

टिप्पणियाँ

Yogesh Verma Swapn ने कहा…
rajeev ji ko meri shradhanjali.

sunder rachna.
ज्योति सिंह ने कहा…
is baar congress ki jeet se pure desh ki taraf se unhe shradhanjali mil gayi .jiske dwara aaj hum aapas me jude huye hai ye bhi hamare desh ko unhi ki den hai .is yogdaan ke liye hum sada unke aabhari rahenge .shukriya .
के सी ने कहा…
सुन्दर कविता है अपने मनोभावों को बयां करती हुई !
ज्योति सिंह ने कहा…
aap ke sahar se mera bachpan juda hua hai jo aapke comment ya blog pe jaane se haraa ho padhta hai .atoot sa rishta juda hai us sahar se .aur hausala badhane ke liye shukriya .

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