'गुरुदेव '
"शान्ति निकेतन "के कर्णधार
संघर्ष भरा जीवन ,फिर भी
शांत उदार दया भाव से
परिपूर्ण है तुम्हारा आधार
संगीत की धरोहर ,
साहित्य की खान ,
ऐसे सर्वोच्च अदभुत संगम पर
सदा है ,भारत को अभिमान
'गुरुदेव' से सुशोभित उपनाम
सुयश तुम्हारा विश्व विख्यात
बढ़ा तुम्हारे ही राष्ट्रगान से
भारतीये तिरंगे का सम्मान
जन-गण-मन के सूत्रों में बंधा ,
मातृभूमि के हर क्षेत्र का मान
बंग-भूमि के दिव्य पुरूष तुम
स्वीकारो जन-जन का प्रणाम
संघर्ष भरा जीवन ,फिर भी
शांत उदार दया भाव से
परिपूर्ण है तुम्हारा आधार
संगीत की धरोहर ,
साहित्य की खान ,
ऐसे सर्वोच्च अदभुत संगम पर
सदा है ,भारत को अभिमान
'गुरुदेव' से सुशोभित उपनाम
सुयश तुम्हारा विश्व विख्यात
बढ़ा तुम्हारे ही राष्ट्रगान से
भारतीये तिरंगे का सम्मान
जन-गण-मन के सूत्रों में बंधा ,
मातृभूमि के हर क्षेत्र का मान
बंग-भूमि के दिव्य पुरूष तुम
स्वीकारो जन-जन का प्रणाम
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