बुधवार, 10 जून 2020

वक्त की शरारत

जाते हुए वक़्त को

रोककर मैंने पूछा

जो छोड़ कर जाते हो

उसकी वजह भी

देते जाओ

वो बहुत ही

जल्दी में था

आदतन टालकर

कल पर छोड़ कर

' मिलियन डॉलर स्माइल '

देते हुए

रफूचक्कर हो गया ,

और मुझे

सवालों के साथ

अकेला

वही छोड़ गया ।

20 टिप्‍पणियां:

  1. वक्त जवाब नहीं देता ,उत्तर खुद ही खोजो ।

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  2. नमस्ते,

    आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 11 जून 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. सादर नमस्कार,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शुक्रवार
    (12-06-2020) को
    "सँभल सँभल के’ बहुत पाँव धर रहा हूँ मैं" (चर्चा अंक-3730)
    पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है ।

    "मीना भारद्वाज"

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  4. शायद उसके पास खुद का ही जवाब नहीं था

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  5. बहुत खूब ... ऐसी बातों का जवाब किस के पास होगा ... समय तो रुकता कहाँ है किसी जवाब सवाल के लिए ...

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  6. वाह!
    गज़ब अब तो पढ़ने वाले भी सवालों में घिरे हैं आखिर क्यों..

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  7. वाह!बेहतरीन सृजन आदरणीय दी.
    जाते हुए वक़्त को
    रोककर मैंने पूछा
    जो छोड़ कर जाते हो
    उसकी वजह भी
    देते जाओ
    वो बहुत ही
    जल्दी में था..वाह!👌

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  8. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति 👌👌

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  9. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति !!!

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  10. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति !!!

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  11. बहुत सही ..वक्त सचमुच हमें हमारे सवालों के साथ छोड़ जाता है .

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  12. वाह। वक़्त से कुछ पूछो तो चम्पत हो जाता। और उसका मन हो तो हमसे ढेरों सवाल करता है।

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